आज इस पोस्ट में मैं आपको केदारनाथ मंदिर से संबंधित बहुत सारे सवालों के जवाब देने वाला हूं, ताकि अगर आप कभी केदारनाथ मंदिर जाएं, तो आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो सके। इनमें से कुछ सवाल मेरे पाठकों द्वारा पूछा गया है और कुछ सवाल मैंने गूगल से उठाया है। आइए जानते हैं केदारनाथ मंदिर से संबंधित सभी सवालों और जवाबों के बारे में-
केदारनाथ मंदिर किस राज्य में है, केदारनाथ मंदिर किस राज्य में स्थित है या केदारनाथ मंदिर किस राज्य में पड़ता है?
केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है, जहां हर साल लाखों भारतीय भगवान शिव के दर्शन करने जाते हैं।
केदारनाथ मंदिर किस जिले में है? या केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के किस जिले में स्थित है?
केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है, जो उत्तराखंड के चार धाम और पंच केदार दोनों मंदिरों में शामिल है।
केदारनाथ की ऊंचाई कितनी है? या केदारनाथ मंदिर की ऊंचाई कितनी है?
केदारनाथ मंदिर की समुद्र तल से ऊंचाई करीब 3584 मीटर यानी लगभग 11,758 फूट है।
केदारनाथ के पास कौन-सी नदी है?
केदारनाथ मंदिर के पास मंदाकिनी नदी है, जो चौरीबारी हिमनद के कुंड से निकलती है।
केदारनाथ मंदिर में भोलेनाथ के किस अंग की पूजा होती है?
केदारनाथ मंदिर में भोलेनाथ के आकृति-पिंड की पूजा होती है।
केदारनाथ मंदिर में आरती कब होती है और दिन में कुल कितने बार आरती होती है?
केदारनाथ मंदिर में भगवान भोलेनाथ की आरती प्रतिदिन दो बार होती है, जिसका समय सुबह 7:30 बजे और शाम 7:30 बजे का है।
हेलीकॉप्टर से केदारनाथ कैसे जाएं?
गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी इन तीनों जगहों से केदारनाथ मंदिर जाने के लिए हेलीकॉप्टर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
(इन्हें भी देखें:- हेलीकॉप्टर से केदारनाथ की यात्रा कैसे करें।)
केदारनाथ मंदिर जाने के लिए हेलीकॉप्टर की बुकिंग किस वेबसाइट से होती है?
https://heliservices.uk.gov.in/
दिल्ली से केदारनाथ कैसे पहुंचे?
दिल्ली से केदारनाथ मंदिर इस प्रकार से जा सकते हैं।
फ्लाइट – दिल्ली से आप फ्लाइट पकड़ कर देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर जा सकते हैं।
ट्रेन – दिल्ली से आप ट्रेन के माध्यम से देहरादून या हरिद्वार जा सकते हैं।
बस – दिल्ली से आपको देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश इन तीनों शहरों के लिए डायरेक्ट बस आसानी से मिल जाएगी।
देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश से केदारनाथ जाने के बारे में नीचे बताया गया है।
हरिद्वार से केदारनाथ कितने किलोमीटर है?
हरिद्वार सिटी से केदारनाथ मंदिर की दूरी करीब 260 किलोमीटर है।
हरिद्वार से केदारनाथ कैसे जाएं?
हरिद्वार से केदारनाथ के लिए डायरेक्ट बस नहीं चलती है, क्योंकि केदारनाथ मंदिर पहाड़ पर स्थित है, जहां हेलिकाप्टर के अलावा कोई भी वाहन नहीं जा सकता है। इसलिए केदारनाथ मंदिर जाने के लिए आपको सोनप्रयाग जाने वाली बस पकड़नी होगी। सोनप्रयाग से आपको शेयर टैक्सी के माध्यम से गौरीकुंड जाना पड़ेगा, जहां से केदारनाथ मंदिर की चढ़ाई शुरू किया जाता है।
देहरादून से केदारनाथ कैसे जाएं?
देहरादून के साथ-साथ ऋषिकेश से भी सोनप्रयाग जाने के लिए आपको डायरेक्ट बस मिल जाएगी। सोनप्रयाग से केदारनाथ जाने के बारे में मैंने इसके ऊपर ही बता दिया है।
(इन्हें भी जानें:- पटना से केदारनाथ कैसे पहुंचे।)
हरिद्वार से केदारनाथ का बस का किराया कितना है?
जैसा कि आपने ऊपर में जाना कि हरिद्वार से सिर्फ सोनप्रयाग तक ही बस चलती है। हरिद्वार से सरकारी और प्राइवेट दोनों प्रकार की बसें सोनप्रयाग के बीच चलती हैं। हरिद्वार से सोनप्रयाग जाने वाली सरकारी बस का किराया ₹ 800 है। हरिद्वार से सोनप्रयाग जाने वाली प्राइवेट बस का किराया भी ₹ 800 ही होता है।
ऋषिकेश से केदारनाथ का किराया कितना है?
ऋषिकेश से केदारनाथ का किराया भी ₹ 800 है।
सोनप्रयाग से गौरीकुंड जाने का किराया कितना होता है?
सोनप्रयाग से गौरीकुंड जाने वाली शेयर टैक्सी का किराया लगभग ₹ 30-40 होता है।
अपनी गाड़ी से केदारनाथ मंदिर जाने पर गाड़ी पार्क कहां करनी पड़ेगी?
सोनप्रयाग में, क्योंकि आप अपनी गाड़ी को गौरीकुंड तक लेकर नहीं जा सकते हैं, इसलिए आप अपनी गाड़ी को सोनप्रयाग में ही पार्क कर दें और सोनप्रयाग से शेयर टैक्सी द्वारा गौरीकुंड चले जाएं।
केदारनाथ मंदिर की चढ़ाई कितनी है? या केदारनाथ मंदिर की चढ़ाई कितने किलोमीट है?
गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर की चढ़ाई करीब 16-18 किलोमीटर की है।
गौरीकुंड से केदारनाथ कैसे जाएं?
गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर जाने के कुल चार तरीके हैं, जो इस प्रकार से है-
ट्रेक – अगर आपको लगता है कि आप गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर के बीच लगभग 16-18 किमी. का ट्रेक पूरा कर सकते हैं, तो आप ट्रेकिंग करके भी केदारनाथ मंदिर जा सकते हैं।
घोड़ा – अक्सर 45-60 वर्ष के लोग ही घोड़ा से केदारनाथ मंदिर जाते हैं।
पालकी – 60 से अधिक वर्ष के लोगों के लिए।
पिट्ठू – छोटे बच्चों और सामान ढोने के लिए।
केदारनाथ में कितना किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है?
केदारनाथ मंदिर जाने के लिए गौरीकुंड से करीब 16-18 किलोमीटर पैदल ट्रेक करके जाना पड़ता है।
केदारनाथ की कहानी क्या है?
अगर मैं यहां पर केदारनाथ की कहानी के बारे में बताऊंगा, तो यह पोस्ट काफी बड़ा हो जाएगा, इसलिए केदारनाथ मंदिर की कहानी के बारे में जानने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
(इन्हें भी जानें:- केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड।
उत्तराखंड के टॉप 10 धार्मिक स्थल)
क्या केदारनाथ में स्वर्ग से हवा आती है?
इस सवाल को पढ़ने के बाद मुझे भी पता नहीं चल पा रहा है कि इस सवाल का जवाब मैं क्या दूं। फिर भी आप कमेंट में जरूर बताना कि आप इस सवाल के बारे में क्या सोंच रहे हैं।
केदारनाथ जाने का सही समय क्या है? या केदारनाथ यात्रा कब करनी चाहिए?
केदारनाथ मंदिर जाने का सही समय मई और जून का है, क्योंकि इस समय अक्टूबर और नवंबर की तुलना में ठंड थोड़ी-सी कम पड़ती है, लेकिन इस समय आपको भीड़ थोड़ी ज्यादा ही मिलेगी।
चार धाम कौन-कौन से हैं?
उत्तराखंड के चार धाम में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का नाम शामिल है।
भारत के चार धाम कौन से कौन से हैं?
भारत के चार धाम में द्वारिका, बद्रीनाथ, पुरी और रामेश्वरम का नाम शामिल है।
केदारनाथ यात्रा में कितना खर्च आता है?
केदारनाथ यात्रा के बजट के बारे में नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके विस्तार से जान सकते हैं।
(इन्हें भी पढ़ें:- कम खर्च में केदारनाथ मंदिर की यात्रा कैसे करें।)
केदारनाथ मंदिर कब खुलेगा 2022?
हर साल की तरह इस साल भी केदारनाथ मंदिर का कपाट मई महीने में खुलेगा, जिसके खुलने की तिथि 6 मई है। केदारनाथ मंदिर का कपाट 6 मई को शुक्रवार के दिन सुबह 6:25 में खुल जाएगा। यानी कि आप 6 मई या उससे बाद केदारनाथ धाम जाकर भोले बाबा का दर्शन कर सकते हैं।
इस पोस्ट को बनाने का मेरा मुख्य उद्देश्य यह था कि मेरे पाठकों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी केदारनाथ मंदिर से जुड़े इन सवालों का सही जवाब मिल सके। केदारनाथ मंदिर से जुड़े अन्य सवालों को भी आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।
धन्यवाद।
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