
हिमाचल प्रदेश में बसा जीभी एक ऐसा पर्यटन स्थल है जो प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर और शांति प्रिय यात्रियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। ऊंचे-ऊंचे देवदार के पेड़ों, ठंडी हवाओं और बहते झरनों के बीच बसा यह छोटा-सा गांव हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यदि आप गर्मियों में परिवार या जीवनसाथी के साथ किसी सुकूनभरी जगह की तलाश में हैं, तो जीभी आपकी लिस्ट में जरूर होना चाहिए।
यह क्षेत्र अभी तक औद्योगिक विकास से दूर है और इसी कारण यहां की प्राकृतिक सुंदरता पूरी तरह से संरक्षित है। यहां के जंगल, झीलें और ऐतिहासिक स्थल इस जगह को खास बनाते हैं। आइए जानते हैं जीभी की कुछ प्रमुख जगहों के बारे में, जहां जाकर आपकी यात्रा यादगार बन सकती है।
जालोरी दर्रा: साहसिक यात्रा की शुरुआत
जीभी से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित जालोरी पास समुद्र तल से 10,282 फीट की ऊंचाई पर है। यह दर्रा ना सिर्फ अपने दृश्यात्मक सौंदर्य के लिए बल्कि महाकाली मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है, जहां से तीर्थन घाटी और आसपास के घने जंगलों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। जालोरी पास के पास कुछ स्थानीय ढाबे भी हैं, जहां आप पहाड़ी व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।
इसके अलावा, यहीं से कुछ लोकप्रिय ट्रेक जैसे सेरोलसर झील और रघुपुर किला की ओर रास्ता जाता है। यहां तक पहुंचने के लिए आप सरकारी बस या निजी टैक्सी का सहारा ले सकते हैं।
सेरोलसर झील: रहस्यमयी सुंदरता
जालोरी पास से 5 किलोमीटर की ट्रेकिंग के बाद आपको मिलती है सेरोलसर झील, जो लगभग 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। झील चारों ओर से घने देवदार के जंगलों से घिरी हुई है और इसकी सुंदरता किसी चित्र की तरह लगती है। यहां एक प्राचीन मंदिर भी है जो बुद्ध नागिन को समर्पित है। स्थानीय लोगों का मानना है कि झील का पानी औषधीय गुणों से भरपूर है और यहां एक खास पक्षी “अभि” झील में गिरने वाले पत्तों और गंदगी को बाहर निकाल देता है, जिससे इसका पानी सदैव साफ रहता है।
रघुपुर किला: इतिहास और प्रकृति का संगम
जालोरी पास से करीब 3 किलोमीटर की चढ़ाई पर स्थित रघुपुर किला एक ऐतिहासिक स्थल है, जो अब खंडहर बन चुका है। हालांकि, यहां से कुल्लू और मंडी की घाटियों का नजारा बेहद शानदार दिखाई देता है। 10,800 फीट की ऊंचाई पर बसे इस किले के चारों ओर फैले घास के मैदान किसी पोस्टकार्ड की तस्वीर जैसे दिखते हैं। यहां चरवाहे अपनी बकरियों के साथ दिखाई देते हैं, जो इस जगह की सुंदरता को और बढ़ा देते हैं। किले तक पहुंचने के लिए आपको अपने साथ पानी और खाने का सामान ले जाना चाहिए क्योंकि यहां किसी भी तरह की दुकान मौजूद नहीं है।
श्रृंग ऋषि मंदिर: आध्यात्मिक अनुभव
जीभी से 9 किलोमीटर दूर बग्गी गांव में स्थित श्रृंग ऋषि मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है। यह मंदिर ऋषि श्रृंग को समर्पित है, जो रामायण काल के महान ऋषियों में से एक माने जाते हैं। कुल्लू घाटी के 18 देवताओं में इनका विशेष स्थान है और हर साल हजारों श्रद्धालु यहां आशीर्वाद लेने आते हैं। यह मंदिर अप्रैल से नवंबर के बीच दर्शन के लिए खुला रहता है क्योंकि सर्दियों में यहां भारी बर्फबारी होती है।
जीभी झरना: प्रकृति के बीच सुकून
जीभी बाजार से केवल 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जीभी झरना एक छोटा लेकिन बेहद सुंदर प्राकृतिक स्थल है। झरने तक पहुंचने के लिए आपको पैदल चलना होगा, लेकिन रास्ता पूरी तरह से सुव्यवस्थित है और लकड़ी के छोटे पुल इस यात्रा को और भी आकर्षक बनाते हैं। झरने के नीचे बना पुल, पर्यटकों के लिए स्नान करने का आदर्श स्थान बन गया है। यहां की साफ-सफाई और शांत वातावरण हर यात्री को मंत्रमुग्ध कर देता है।
मिनी थाईलैंड: एक अनोखा अनुभव
घने जंगलों के बीच स्थित ‘मिनी थाईलैंड’ जीभी का एक छिपा हुआ रत्न है। इस जगह का नाम इसकी बनावट से पड़ा है – यहां पत्थरों की संरचना और एक छोटा तालाब थाईलैंड की याद दिलाते हैं। स्थानीय लोग इसे ‘कुली कटांडी’ के नाम से जानते हैं। यहां का पानी इतना साफ और ठंडा होता है कि कई पर्यटक इसमें तैरने का आनंद भी लेते हैं।
निष्कर्ष: प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग
अगर आप इस गर्मी में किसी शांत, भीड़-भाड़ से दूर और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जगह की तलाश में हैं, तो जीभी एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। परिवार या जीवनसाथी के साथ बिताए कुछ सुकून भरे दिन आपके जीवन की यादगार यात्राओं में से एक बन सकते हैं। जीभी का हर कोना आपको प्रकृति से जोड़ता है और शहर की भागदौड़ से दूर एक नई ऊर्जा देता है।